• पांडवों ने वनवास के प्रथम 13 वर्ष दृषद्वती व सरस्वती नदियों के पावन पर
तटो पर बिताए थे।
• हरियाणा में बहने वाली नदियों का वर्णन वामनपुराण में मिलता है।
• यमुना नदी=। • गंगा की सहायक नदी। • उद्गम= हिमाच्छादित गढ़वाल हिमालय, बंदर पूछ चोटी, यमुनोत्री नामक हिमनद से निकलती है। • अपवाह= नाग तिब्बा, मंसूरी, शिवालिक पर्वत श्रृंखला। । । • हरियाणा में प्रवेश=। यमुनानगर के कालेश्वर से। • यमुनानगर ,करनाल ,पानीपत ,सोनीपत ,फरीदाबाद जिलों सेे बहती है।
• हरियाणा में कुल 305 किलोमीटर लंबी सीमा बनाती है। • सहायक नदियां= संं्ं््
सोमबा, पथराला, बूढ़ी। • सरस्वती नदी क्ष
• पूजनीय नदी मानी जाती है।
• इस नदी का उद्गम हिमाचल के सिरमौर जिले की सीमा पर शिवालिक की पहाड़ियों से होता है। • मैदानी क्षेत्र में प्रवेश=। यमुनानगर के आदि बद्री क्षेत्र से। • महर्षि वेदव्यास ने महाभारत की रचना की थी। • घग्गर नदी। •हिमाचल के डागशाई से नामक क्षेत्र से शिवालीक
श्रृंखलाओं से निकलती है।
• हरियाणा में पंचकूला अंबाला कैथल फतेहाबाद सिरसा क्षेत्र में बहती है।
• इसकी हरियाणा में लंबाई 291 किलोमीटर है। √राजस्थान के हनुमानगढ़ क्षेत्र में विलुप्त हो जाती है। • घग्गर नदी के मैदान को नैली कहते हैं। • इसकी सहायक नदियां झाझरा और कौशल्या है। मारकंडा नदी। • हिमाचल प्रदेश की धरती धर नमक पहाड़ियों से निकलती है। हरियाणाा में आ
अम्बाला नामक जिले के कालाअमब नामक स्थान पर हरियाणा में प्रवेश करती है। या नदी मोरनी की पहाड़ियों से निकलती है। मारकंडा नदी के मैदानी क्षेत्र को बेट कहते हैं। । • राक्षी नदी •✓ यह मीनारें जिले के बिलासपुर के पास शाहपुर नामक गांव केेे मैदानी क्षेत्र से निकलती है। दक्षिण पश्चिम दिशा में बहती हुई लाडवा नामक स्थान पर चेताग नामक नदी से मिलती है। • चेतन नदी। शैतान नदी शिवालिक की पहाड़ियोंं से निकलती है। सरस्वती नदी के समातर मं बहती है। सीसवाल चेतन गंग नहर केेे किनारे स्थित है।
आज के ब्लॉक में इतना है हरियाणा की दृष्टि अपवाह तंत्र के बारे में हम अगले ब्लॉक में पढगे। उम्मीद है कि इस ब्लॉक में दी गई जानकारी आपके लिए लाभकारी हो
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